Sunday, May 22, 2011

चंडीगढ़ .......जहा छायाएं साथ चलती है !


भारत का एक अत्याधुनिक शहर, सारी सुख सुविधा संपन्न एवं वृहत जनसंख्या वाला | लेकिन फिर भी शांत , प्रदूषण एवं ट्रेफिक से दूर , साफ़ सुथरी सडको एवं हरे पेड़ों से घिरी फुटपाथों वाला शहर | एक बारगी पढ़ने में शायर कि कल्पना सा प्रतीत होता है | लेकिन जब पहली बार यहाँ कदम रखा तो आश्चर्य हुआ कि सच में भारत में कोई शहर ऐसा भी है | प्रतीत हुआ मानो मन में बसी एक आदर्श शहर कि छवि को किसी अद्भुत शिल्पकार ने ज़मी पर साकार कर दिया हो |

जब स्टेशन से बाहर निकलने पर यहाँ कि हवा का पहला झोंका चेहरे को छूता है तो प्रतीत होता हैमानो एक विशाल सुरम्य उद्यान में आ गए हो | वह से शहर तक के सफर में आप हरे रंगों में डूबते चले जाते है | हरे भरे घास के मैदान हर ओर अटखेलियाँ मारते है| आम, अमरुद, शेह्तूत के पेड़ सड़कों को अपने आगोश में छुपाए रखते है| उनपर लटक रहे रसीले फल आपको आस पास पत्थर ढूंढने को मजबूर कर देते है | फूलों कि भीनी सुगंध से स्वतः ही आपका मनो-खग मधुर उड़ाने भरने लगता है और अनजाने ही आप शहर के प्राकृतिक सौन्दार्य में डूब जाते है | छायाएं आपके साथ दौड़ने लगती है |

चंडीगढ़ कि सड़के देश के राष्ट्रीय राजमार्गों को भी ठेंगा दिखाती है | ये सड़के पूरे चंडीगढ़ शहर को आयताकार भागों में विभाजित करती है| सीढ़ी , सपाट , साफ़ सुथरी हरियाली को चीरती हुई | यहाँ आपको पार्किंग में मीलों लंबी कतारे मिल जाएगी लेकिन सड़कों पर ट्रेफिक नहीं | हर चौराहा अपने में एक अलग अंदाज़ लिए है , विविध फूलों और रंगों से सुशोभित |


शहर कि लगभग सभी इमारते चटक लाल रंगों से बनी है, सभी दो मंजिला | मानो हरियाली को निमंत्रण दे रही हो के उन्हें आगोश में ले लें| भवन निर्माण में अनुशाशन का चंडीगढ़ अद्भुत उदाहरण है |

मैं पिछले ७ वर्षों से लगभग हर साल एक बार इस खूबसूरत शहर हो आता हूँ | जहाँ दुसरे शहरों के रंग , मिजाज पल पल बदलते रहते है , वही चंडीगढ़ शाश्वत है , जैसा छोड कर जाओ बिलकुल वैसा , वही अपनापन , वही महक ! मानो अपने सौंदर्य के चरम पर उसकी उम्र रोक दी गयी हो | ना इमारतों में आधुनिकता कि अंधी दौड है ना लोगो में मुंबई दिल्ली सी भागम भाग !

वैसे तो चंडीगढ़ में सैर सपाटे कि ढेरों जगह है सुखना लेक के किनारे खूबसूरत शाम , रोज़ गार्डन में टहलना, रोचक गार्डन का शिल्प | लेकिन जो बात दिल में बस जाती है वो हे यहाँ का माहौल, महंगे शो- रूम के बाहर घूमती आधुनिक वस्त्रों सुसज्जित बालाए , कोट – टाई पहन कर भी आराम से बेंच पर अलसाते नवयुवक , पेड़ों पर चहकते परिंदे ,चेहरे को छूता फव्वारों का ठंडा पानी , सेक्टर १७ में शौपिंग का आनंद और आराम से घुमते लोगो के बीच चिंतामुक्त हो सोफ्टी कि चुस्की |

यही है चंडीगढ़ .... उन चुनिन्दा शहरों में से जो आपको सुकून देते है |
प्यार से तराशा हुआ, जहा सपने ना सिर्फ जन्म लेते हे बल्कि पूरे होते है ... चंडीगढ़ !!



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